योग की चाह रची,

तो निरोग  हुई जिन्दगी

लजी व्यायाम करने,

ती दीप हुई जिन्दगी ।"

आज तेज रफ्तार जीवन भोली के कारण अनेक ऐसपल औ

हमारी जीवन गति पर लगा देते है। हमारे चारों ओर वातावरण में

निक ऐसे कारण दियभान है जो तनाव, थकान त्या मानसिक अवसाद

कीजन्म देते हैं। जिससे हमारीजीवन शैली अस्तव्यस्तंही जाती है।

ऐसे में जीवन की उर्जावान एवं निरोगबनाये रखने में योग

एक रामबाण औषधि है। योग शिजीवनी शकि,संजीवनीशति में

बदल जाती है। जिससे मानव की जीवन शैली संगीतमय बनआती है

योग की न्शुत्पति

योज छाब्दमुत्पति संस्कृतकी सुजसमाद्यो धातु में 'घज प्रत्यय

लगाने सेतचा मुजिर योग धातु में 'कर्तरिज प्रव्यसनगाने से हुई है।

अर्यात सामान्य अर्थ- समाधि तया जोडनेखाना'

.

अर्यात

Cith भगवत गीताकि अनुसार-

इदम् विवस्त बोगम प्राकीकतावान हमव्ययम् ।

विवस्वान्मनवे, प्राह मनुरिक्ष्वाकुवेरुजावीत।।

(सिधिस्य सिपथ्य सिद्दथ्यो समीभूत्वा समत्व भोग यते

दुख-सुख, लाभ-हानि, शीत और उष्ण आदि दबन्दों में

सदवसमभाव रहना योग।

Cirth पेतजलि योगानुसार योगश्चितचलि निरोधः।' अर्मात चित

की वृत्तियों का निरोधही योज हैं।

योग एकजीवन जीने की कला है। जी योग, धर्म, आस्था और

अंधविश्वास से परे एक सामान्य विज्ञान है।

योग स्वयं की स्वयं के लिए स्वयं को पहचानने की कला है।

उस लिए मनोवैज्ञानिक जोन लाइने कहा- स्वस्य गरीर में,

स्वस्य मस्तिष्क निवास करता।

योग पाचीन भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा / जिप्तका


पाभाविक योजन्मिास का चित्रण लगभग उठ०० ईपू सिन्धूवारी-

सभ्यता मं में हलक मिलती है, जो प्रोडरों एवं मूर्तियों में उल्लेख

हैं। यो प्रतिपादक पंतजलि की पुस्तक भागबन में 2002

सुव्यवस्थिति पूर्वक उल्लख किया गया।

रखर ने मानव के निरोग उत्पन्न किया एवं ताउमनिरोण

विर

रखने के लिए योग का अबिष्कार किया, मवि मनुकुम्

कि इस चाँद की चबूती से बनाये रखे ती सर्दव निरोगला

इस लिए किसी ने कहा-

छोसला ही कुलन्द

होती, ऑधियों में चिराणाजलते।

से कहना अतिशयोक्तिनहीं कि योग मारे लिए हर

प्रकार से अतिक्षावश्यहाजी मारी जीवनबोली की जर्जावान

और माल्मिक चेतना भी अनुति प्राप्त होती ही

हमारे देश PM श्रीमान नरेन्द्र मोदी जी ने. २१ सितम्बर को

40 में महासभा में भाषण दिया उसमें योग कीचची की एवं

योग दिवस का फ़्लाव खातो कुरन्त पा सदस्ययीने समर्थन

किया एवं 29 दिसम्बर में इतने कम समयपदिनों में

UN की एतिहासिक प्रस्ताव है जिसमें 15 सदस्मदेशाने समर्थन

किया। जिसमें 40 शस्लामिक देशों ने समर्थन किया एवं जून

-2015 को प्रथम विश्व योण दिवस दिल्ली में राजपच पर मनाया

जिसमें वचा सम्पूर्ण विश्व में 2 करो लोगो ने मनाया भीर

भारत में 65 जिलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया एवं

दिल्ली उटबार लोगों ने स्व योग किया वया या देशों के

SP मालयिभाग लिया ।हजार यययों की व्यवस्था की।

वघा 35 मिनटूख आप्तन किये। जिसका सीधा पसार) एवं

28 बडी स्कीमों की व्यवस्था की

नयोगदिवस का ड्राफ्ट यार किया जो शापुर

जामक अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस ( विश्व योग दिवस मोशदिवा)

२. मननिवाले-सम्पूर्ण विश्व उ. पुजार-मुरम तियि-व्यजून

उत्सव-योध्यान, सामूहिक मेवन, सास्कृतिककार्मम

अगलीबार-भजून 2017

आइति-वार्षिक